Jetho Singh Andil
May 9, 20233 min
पंकज बांकिरा द्वारा सम्पादित
गेंदा फूल ऐसा फूल है, जो दिखने में बहुत ही सुंदर होता है और इसका सुगंध बहुत दूर तक फैलता है। इसके फूल बहुत ही सुंदर दिखाई देते हैं तथा यह कई रंगों में होता है। इसके पत्ते एवम फूल का प्रयोग दवाई के रूप में दाद, पथरी और खुजली के लिए विभिन्न प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। और तरह-तरह के गेंदा फूल को घर सजाने और पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गेंदा फूल का उपयोग, खुशबूदार सेंट बनाने के लिए भी किया जाता है।
गेंदा फूल के प्रयोग पर हमारे आदिवासी गोंड जनजाति के लोगों का कहना है कि, हमारे घर के देवी-देवता के लिए यह फूल बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसी गेंदा के फूल को हमारे पूर्वज, अपने कुल देवी-देवता को मनाने के लिए चढ़ाते थे। गेंदा फूल बारहमासी फूल है और यह औषधि के रूप में भी काम आता है।
गेंदा फूल के बीज को सबसे पहले बोया जाता है, फिर कुछ सप्ताह बाद पौधा निकल आता है। फिर उन पौधों को एक-एक कर लगाया जाता है। और एक महीने के बाद फूल खिलाना शुरू हो जाता है। गेंदा का फूल कई प्रकार से काम आते हैं और इसकी पत्तियों को औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। कुछ गेंदा फूल बहुत बड़े होते हैं और कुछ छोटे-छोटे होते हैं और वह झब्बेदार होते हैं। जो देखने में बहुत ही सुंदर दिखाई देते हैं।
गेंदा का फूल कई रंगों का होता है और गेंदा फूल के प्रकार भी कई तरह के होते हैं। छोटा फूल, बड़ा फूल, लाल, पीली और सफेद रंगों के होते हैं। गेंदा फूलों का नाम भी अलग-अलग होता है। जैसे चंदैनी गोंदा, चाउर गोंदा, कुमकुम गेंदा आदि।
गेंदा फूल का प्रयोग, लोग 'दाद' होने पर इसका इस्तेमाल करते हैं। सबसे पहले गेंदा फूल के पत्ते को अच्छे से पानी में धोकर, पत्थर या खल पट्टा में पीस कर उसका रस निकाल लेते हैं। फिर दाद वाले जगह को साफ कर, गेंदा फूल के रस को उसमें रोज तीन से चार बार लगाते हैं। इससे दाद से जल्दी छुटकारा मिल जाता है।
गेंदा फूल के पत्ते को 'पथरी बीमारी' के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। सबसे पहले गेंदा फूल के पत्तों को तोड़कर अच्छे से धो लिया जाता है। फिर उसको केटली में एक गिलास पानी डालकर अच्छे से उबाल लिया जाता है। और उसको ठंडा करके, हर रोज सुबह खाली पेट में पिया जाता है। ऐसा करने से पथरी बीमारी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।
गेंदा फूल और इसके पत्ते को पीसकर लेप तैयार किया जाता है। पत्ते को अच्छे से पीसकर, उसका रस निकाल लेते हैं और उनका रस अलग करके, उसमें नींबू का रस मिलाकर सिर पर जहां रुसी हुआ हो, वहां पर साफ पानी से धोकर, उसे सुबह-शाम रोज रस को लगाना चाहिए। इससे सिर का रूसी दो-तीन दिन में ही ठीक हो जाता है। और इसके फूल को भी पीसकर लेप बनाया जाता है, इस लेप में हल्दी पाउडर और थोड़ा सा बेसन मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा साफ रहता है।
गेंदा फूल और उसके पत्तों का प्रयोग, घर सजावट व पुजा-पाठ के लिए भी होता है तथा इससे हमें अनेक प्रकार से लाभ भी मिलता है। यह औषधि के रूप में बहुत ही अच्छा एवं गुणकारी होता है। इसके पत्ते भी हमें अनेक तरह से दवाई के रूप में हमारे लिए उपयोगी साबित होते हैं।
नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।