top of page
Adivasi lives matter logo

आदिवासी बहनों और भाइयों को नवाखाई की शुभकामनाएँ!

Rajkumar Markam

लेखक- राजकुमार सोरी


छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के ग्राम पंडरीपानी सिकासेर में आज दिनांक ३ सितम्बर को आदिवासियों ने नवाखाई मनाई, जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी नए-नए कपडे पहन के मानते हैं। इस त्योहार में सभी परिवार एक साथ मिलकर नए चावल का खाना बनाते है।इस खाने को वह अपने रीति- रिवाजों से देवी-देवताओं को चढ़ाते है।

देवी देवताओं को चढ़ाया गया खीर-भात | Photo- Rajkumar Sori


इस दिन, नए धान का चावल पत्ते पर देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है।सभी परिवार की महिलाएँ देवी- देवताओं का बचा हुआ खाना खाती हैं।नवाखाई के दिन कोई बकरा- मुर्ग़ा काटते नहीं है और खाते भी नहीं है।

महिलाएँ खीर-भात खा रही है, जो देवी देवताओं को चढ़ाया गया था | Photo- Rajkumar Sori


कल, यानी ४ सितम्बर को आदिवासी लोग बासी त्योहार मनाएँगे, जिसमें बकरी ,मुर्ग़ा आदि खा सकते है। यह नवाखाई त्योहार आदिवासी लोग बहुत परम्परा और रीति-रिवाज से मनाते है।


नवाखाई की सभी आदिवासी भाई- बहनों को बधाई हो!


लेखक के बारे में- राजकुमार सोरी छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले का निवासी है। उसे खेती किसानी करना पसंद है। वह कहता है,“मुझे Adivasi Lives Matter के साथ काम करना भी अच्छा लगता है, और में ये काम और खेती दोनों आगे भी करते रहूँगा।”


यह लेख पहली बार यूथ की आवाज़ पर प्रकाशित हुआ था

0 comments

Comments


bottom of page