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Kaushal Kumar

छत्तीसगढ़ के आदिवासियों ने निकाली नए वन कानून के विरोध में रैली

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िला में 18 अक्टूबर को आदिवासियों द्वारा नए वन अधिकार कानून संशोधन के विरोध में रैली निकाली गई। इस विरोध रैली में ज़िले के सभी वर्गों और क्षेत्रों के आदिवासी शामिल हुए। लोगों ने सरकार के विरुद्ध नाराज़गी ज़ाहिर की। आदिवासियों ने रैली में सर्वप्रथम ज़िला प्रशासन (कलेक्ट्रेट) के ऑफिस का घेराव किया और अपना ज्ञापन (मेमोरेंडम) सौंपा।

रैली में शामिल आदिवासी महिला और पुरुष। फोटो सोर्स- Adivasi Lives Matter


रैली आगे वन मंडल विभाग की ओर बढ़ी। यहां, आदिवासियों ने वन अधिकार द्वारा नए ज़मीन भूमि मिसल से वंचित किए जाने पर क्रोध जताया। साथ ही अपने हक की मांग की। 4000-6000 आदिवासियों मे इस रैली में पैदल यात्रा की।


आइए जानते हैं कि आदिवासियों का क्या कहना है-


रैली में आए एक आदिवासी ने कहा,

हम आदिवासी हैं और सरकार हमारी संस्कृति, अधिकारों, पांचवीं अनुसूची तथा ग्राम सभाओं को धीरे-धीरे समाप्त करने की सोच में है। इसका हम विरोध कर रहे हैं।

रैली में शामिल महिला। फोटो सोर्स- Adivasi Lives Matter


उन्होंने अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद तथा अन्य क्षेत्रों से आए लोगों को इस रैली में शामिल होने के लिए बहुत धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा,

आदिवासी, प्रस्तावित 1926 भारतीय वन कानून अधिनियम का विरोध कर रहे हैं, ताकि वे अपने जल, ज़मीन और जंगल को बचा सकें।

रैली में शामिल अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने कहा,

आदिवासियों का मुख्य उद्देश्य अपने अधिकारों की रक्षा करना है।

रैली में शामिल लोग। फोटो सोर्स- Adivasi Lives Matter


गरियाबंद के आदिवासियों की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। वे इस आंदोलन को और आगे बढ़ाएंगे। अगले महीने 14 नवंबर को रायपुर में और बड़ी जनसंख्या में रैली निकाली जाएगी, जहां राज्यभर से आदिवासी शामिल होंगे।



लेखक के बारे में- कौशल कुमार ध्रुव छतीसगढ़ के रहने वाले हैं और अभी हिंदी विषय में एमए कर रहे हैं। यह भारत के इतिहास में खास रुचि रखते हैं और अपने खाली समय में क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं।


यह लेख पहली बार यूथ की आवाज़ पर प्रकाशित हुआ था

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