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Join date: Sep 4, 2021
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Jul 3, 2025 ∙ 5 min
क्यों पढ़ा जाना चाहिए डॉ. पार्वती तिर्की का कविता-संग्रह 'फिर उगना'?
डॉ. पार्वती तिर्की की पहली कविता-संग्रह फिर उगना आदिवासी जीवनशैली की सुंदरता और गहराई को सहज भाषा में प्रस्तुत करती है। इसमें चाँद, पर्व, गीत, और जंगल के प्रतीक आदिवासी संवेदना से जुड़ते हैं। यह संग्रह न केवल साहित्यिक रूप से समृद्ध है, बल्कि कुड़ुख संस्कृति और परंपरा को भी जीवंत करता है। फिर उगना आदिवासी दुनिया में झाँकने का दुर्लभ अवसर है।
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Jan 7, 2023 ∙ 3 min
हिडमे मरकाम को किया गया रिहा, पुलिस नहीं कर पाई आरोपों को साबित
पुलिस द्वारा एक लाख का ईनामी नक्सली बताया गया और नक्सली गतिविधियों में शामिल होने तथा हिंसा और हत्या करने जैसे पांच FIR उन पर दर्ज किए गए थे
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Mar 21, 2022 ∙ 4 min
क्या होली जैसे त्योहारों को मना कर, युवा आदिवासी हो रहे हैं अपनी संस्कृति से दूर?
आदिवासी अपने को कमतर और दूसरों को श्रेष्ठ समझते आए हैं, बाहरी संस्कृति के प्रति रूझान का यह एक मुख्य कारण है।
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Nitesh Kr. Mahto
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