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Writer's pictureTikeshwari Diwan

बचे हुए चावल का फिर से उपयोग करें: सीखते हैं बनाना छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध अंगाकर रोटी

मैं छत्तीसगढ़ की रहने वाली एक आदिवासी लड़की हूँ। मेरा जिला है गरियाबंद और गाँव बनगवां। आज मैं आप सभी को अंगाकर रोटी के बारे में जानकारी देना चाहती हूँ। अंगाकर रोटी हमारे छत्तीसगढ़ की एक पारंपरिक रोटी है। इसे गाँवों में सबसे ज्यादा बनाया जाता है। हम आदिवासी इस अंगाकर रोटी को बहुत पसंद करते हैं। यहाँ लोग इस रोटी को बड़े चाव से खाते हैं। इसे चावल के आटे से बनाया जाता है। लेकिन अंगाकर रोटी अन्य रोटियों की अपेक्षा अलग तरीके से बनाई जाती है और इसका अपना अलग स्वाद होता है।


छत्तीसगढ़ की अंगाकर रोटी न सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्कि देश और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में भी प्रसिद्ध है। इस तरह की रोटी यह सुनिश्चित करती है कि घरों में खाना बर्बाद न हो। यह दिन के बचे हुए चावल का उपयोग करता है।

अंगाकर रोटी को मोटा रोटी के नाम से भी जाना जाता है

अंगाकर रोटी को बनाने के लिए गोबर के उपले (छेना) का उपयोग किया जाता है। सबसे पहले छेना को जला के उसका अंगारा तैयार किया जाता है। ये गर्म अंगारा रोटी को पकाने में मदद करता है। इस रोटी को मोटा रोटी भी बोलते हैं। इस रोटी को गैस पर न पका कर मिट्टी के चूल्हे में आग जलाकर तवे के ऊपर बनाया जाता है। इसे केले, महुआ या परसा के पत्ते में भी बना सकते है।

इस रोटी को बनाने के लिए आप दिन का बचा हुआ चावल इस्तेमाल कर सकते हैं

अंगाकर रोटी बनाने के लिए सामग्री:

1 तीन कटोरी चावल का आटा,

2 एक गिलास पानी,

3 स्वाद अनुसार नमक,

4 रात का बचा हुआ चावल,

5 केले के दो पत्ते।

अंगाकर रोटी बनाने की विधि: अंगाकर रोटी बनाने के लिए सबसे पहले एक प्लेट में तीन कटोरी चावल का आटा लें। उसमें रात का बचा हुआ चावल डालें। स्वाद अनुसार नमक डाल कर इन सभी को अच्छी तहर से मिला लें। फिर इसमें पानी मिला कर अच्छी तरह से पेस्ट तैयार कर लें। इस पेस्ट को गोलाकार बना कर रोटी की तरह तैयार करें। आप दो प्रकार से इस रोटी को पका सकते हैं। पहला तरीका तो ये की आप एक तवे पे इसको पकाएं और दोनों तरफ थोड़ा तेल छिड़क दें। अन्यथा दूसरा तरीका जो गाँवों में प्रसिद्ध है वो है की आप पेस्ट को केले के एक पत्ते के ऊपर अच्छी तरह से फैला दें और दूसरे पत्ते को उसके ऊपर रख दें। अब इसे पकाने के लिए मिट्टी के चूल्हे में ले जाएँ। इसके ऊपर अंगारा रख कर कुछ देर पकने दें। इस तरह से हमारा अंगाकर रोटी बनकर तैयार हो जाता है।


आप इसे टमाटर की चटनी या आम के अचार के साथ खा सकते हैं।


यह आलेख आदिवासी आवाज़ प्रोजेक्ट के अंतर्गत मिजेरियोर और प्रयोग समाज सेवी संस्था के सहयोग से तैयार किया गया है।

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