पंकज बांकिरा द्वारा सम्पादित
इंटरनेट लोगों के लिए एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा काम करने के साथ-साथ लोगों के आय में वृद्धि करने का जरिया भी बना हुआ है। आप सभी भली-भांति जान रहे हैं कि, इंटरनेट के माध्यम से लोग तरह-तरह के काम करने में सक्षम हो रहे हैं, चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो। लेकिन, कहीं ना कहीं इंटरनेट लोगों के लिए ऐसी परेशानी खड़ी कर रही है, जिससे लोगों को बहुत ही ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। खासकर, गांव क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए, जो सिर्फ गांव में मिलने वाले उचित मूल्य के दुकानों से चावल प्राप्त कर, उसी से ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं। गांव क्षेत्रों में सर्वर डाउन होने की वजह से लोगों को राशन मिल पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो जाता है।
पोंडी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कोडगार क्षेत्र में, हर समय पीडीएस केंद्र में सर्वर डाउन होने के कारण गांव के लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा। इन सभी परेशानियों के बारे में जाने के लिए हमने गांव की 40 वर्षीय कौशिल्या बाई से बात की। उन्होंने हमें जानकारी दी कि, वे एक गरीब परिवार से हैं और उनका गुजारा उचित मूल्य में मिलने वाले दुकान के चावल से ही होता है। लेकिन, कुछ समय से सर्वर की परेशानी इतनी बढ़ गई है कि, उचित मूल्य की दुकान से जो चावल प्राप्त होता था, वह भी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने हमें बताया कि, पहले हमेशा समय पर चावल प्राप्त हो जाया करता था। लेकिन जब से ई-पोस मशीन द्वारा चावल वितरण किया जा रहा है, तब से सभी लोगों को चावल मिल पाना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो गया है।
गांव के लोगों का कहना है कि, सर्वर परेशानी अभी इतना बढ़ गया है कि, सभी कामों में रुकावटें हो रही है। एक ओर देखा जाए तो, इंटरनेट लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा सुविधा लेकर आयी है। लेकिन, कुछ महीनों से नेटवर्क परेशानी बहुत ही ज्यादा हो रही है, जिस कारण सभी लोग राशन के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। और एक महीने से राशन वितरण करने की व्यवस्था गड़बड़ा सी गई है। गांव के लोग राशन लेने के लिए उचित मूल्य की दुकानों के चक्कर काट रहे हैं। इसपर अफसरों वा संचालकों का कहना है कि, इस तरह की परेशानी सभी राशन दुकानों में हो रही है। सर्वर डाउन होने की वजह से ई-पोस मशीन से काम नहीं हो पा रहा, ऐसे में डीलर परेशान हैं। चूँकि, हितग्राहियों के द्वारा उन्हें तरह-तरह की बातें सुनना पड़ रहा है।
सर्वर के समस्या पर संचालकों का कहना है कि, सर्वर डाउन होने की वजह से ई-पोस मशीन इतना धीमा चल रहा है कि, हितग्राहियों को चावल वितरण करने में सभी गांव के संचालकों को बहुत ही ज्यादा परेशानी हो रही है। घंटों इंतजार करने के बाद, बहुत मुश्किल से एक या दो व्यक्तियों को ही चावल वितरण कर पाते हैं। फिर, दोबारा नेटवर्क आने का इंतजार करना पड़ता है और यह समस्या 2 महीनों से चल रहा है। 20 से 25 मिनट में सिर्फ 1 व्यक्ति को ही चावल वितरण कर पाते हैं और शाम तक सिर्फ 15 से 20 लोगों को ही चावल दे पाते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को होती है। क्योंकि, गांव में रहने वाले लोग उचित मूल्य के दुकानों में ही निर्भर रहते है और सबसे ज्यादा परेशानी पहाड़ी इलाकों में रहने वालों को होती है। इस समस्या से जूझने के लिए, संचालक 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चावल वितरण करने का प्रयास करते हैं, जिससे लोगों को घर वापस खाली हाथ जाना ना पड़े।
उचित मूल्य की दुकानों में राशन लेने के लिए, स्वयं की उपस्थिति और जानकारी स्वप्रमाणित करना होता है। जिससे ई-पोस मशीन द्वारा यह पता चलता है कि, वाकई में सही आदमी को राशन वितरण किया जा रहा है या नहीं। आजकल ऐसे बहुत से धोखाधड़ी का सामना करना पड़ता है, इन सभी समस्याओं के निपटारा के लिए यह मशीन सभी उचित मूल्य की दुकानों में स्थापित कर दी गई है। और इस मशीन की एक अच्छी बात यह है कि, किसी व्यक्ति को अगर 20 किलो चावल देना है, तो यह मशीन उसे 20 किलो चावल ही देगा, न ज्यादा न कम। लेकिन, इस मशीन में सर्वर की परेशानी बनी ही रहती है और इस परेशानी की स्थाई समाधान अभी तक नहीं हो पाया है।
नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।
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