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Writer's pictureParmeshwari Pulast

क्यों जरुरी है ग्रामीणों के लिए रोजगार गारंटी

पंकज बांकिरा द्वारा सम्पादित


सूरजपुर जिले के अंतर्गत आने वाले ग्राम पवन, जहां अभी डैम निर्माण किया जा रहा है। और यह निर्माण विगत दो महीने पूर्व से ही शुरू हुआ है। इस डैम के निर्माण में पंचायत के लोग भी शामिल हैं। इस गांव में एक छोटा-सा नाला है, जिसका पानी जमा करने के लिए इस डैम का निर्माण किया जा रहा है। चूँकि इस नाले से बरसात के दिनों में, गांव के लोगों को आने-जाने में समस्याएं उत्पन्न होती थी। और इन्हीं समस्याओं को देखते हुए डैम का निर्माण शुरू किया गया है। गांव के लोगों का कहना है कि, यह तीसरे नंबर का डैम स्थापित किया जा रहा है। इस डैम को बनवाने के लिए सरपंच, सचिव और गांव के सभी लोगों से सुझाव और सलाह लिए गए थे।

बांध निर्माण में मजदूरी करते हुए ग्रामीण

खाडी पारा के मोहल्ले और सड़क पारा मोहल्ले के बीच, एक छोटा-सा, नदी-नाला दोनों गांव के बीच से निकला है। और इस नाले में बरसातों के दिनों में, बस्ती मोहल्ले का पानी, इसी नाला में जमा होता है और इकट्ठा होने के बाद दूसरे नाले में मिलता है। और बड़े नदियों में जाकर मिल जाता है तो, गांव के लोगों ने डैम के निर्माण के लिए विचार-विमर्श करके, उस नाले को रोजगार गारंटी के तहत बांध बनाने की योजना चालू करवाई।


इससे पहले दो जगहों पर डैम का निर्माण हुआ तो था, पर किसान भाई-लोगों को लाभ नहीं हो पा रहा था। इस बार लग रहा है कि, किसान-भाइयों को बहुत ज्यादा लाभ और उन्नति होगी। क्योंकि, नाले के अगल-बगल ही खेत-खलिहान हैं और उनमें अच्छे से कृषि कार्य कर सकते हैं।

दोनों मोहल्लों के बीच का नदी-नाला

इन खेतों में डबल फसल उगा सकते हैं, यानि कि किसानों को डबल फायदा हो सकता है। क्योंकि, बांध निर्माण हो जाने के बाद यहां पानी का बहाव रुक जाएगा और पानी का व्यवस्था हो जाने पर डबल फसल उगाई जा सकेंगी। इस जगह में पहले सिर्फ धान की ही खेती करते थे। क्योंकि, पानी तो था, मगर जमा नहीं हो पाता था। इस कारण इस मोहल्ले और बस्ती के लोग, इस पानी का फायदा नहीं उठा पाते थे। मगर अब इन लोगों का कहना है कि, अब हम लोग इसमें डबल फसल लगाएंगे और बाजारों या मंडी में फसलें व सब्जियां बेचेंगे और दो-चार पैसे अधिक कमा पाएंगे।

खेत में हल जोतता हुआ किसान

इन जगहों में देखा जाए तो अभी से ही किसान अपने खेतों में, हल चलाना चालू कर दिए हैं। क्योंकि, उन लोगों को भरोसा है कि, हमारे फसल को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल पायेगा और अच्छे से फसल होगी। इस कारण, इन खेतों में अभी से ही गेहूं, सरसों और अन्य दूसरी सब्जियां लगाना शुरू कर दिए हैं।

बाड़ी में लहलहाती फसल

ग्रामवासीयों का कहना है कि, यहां जो डैम निर्माण हो रहा है, इसके नीचे की ओर इसी नाले का पानी निकलता है। और 1 किलोमीटर के दूरी में जर्जर पुलिया है। उस पुलिया के बारे में हम ग्रामवासी लोग सोचते रहते हैं कि, कहीं बारिश का पानी ज्यादा हो जाने के कारण यह टूट ना जाए।


बरसातों के दिनों में पुलिया के मध्य भाग के टूटने की संभावना बनी रहती है। इस कारण, हम ग्रामवासीयों को डर-भय लगा रहता है। क्योंकि, यहां से छोटे और बड़े बच्चे के साथ ही, सभी लोग आना-जाना करते हैं। यहाँ तक कि गाड़ी-मोटर, ट्रैक्टर भी चलता है। और इसी पुलिया के सहारे किसान-भाई लोग बाजारों में साग-सब्जियां बेचने ले जाते हैं। इसीलिए सभी लोग परेशान होते रहते हैं की, कहीं पुलिया टूट ना जाए।


यदि, जिस प्रकार से इन पंचायतों में बांध का निर्माण कई बार हो चुका है, उसी प्रकार से अगर रोजगार गारंटी के तहत पुलिया का भी निर्माण हो जाता, तो यहां के लोगों पर बहुत उपकार होगा। यहाँ के लोगों का कहना है कि, इस मुद्दे पर सरपंच व सचिव को निवेदन भी किये हैं कि, इस पुलिया को बनवाने के लिए ध्यान दीजिएगा और हम लोगों के ऊपर जो चिंता रहती है, उसको दूर करिएगा। लेकिन, आजतक मदद के नाम पर केवल आश्वासन ही मिलता आया है।


नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।


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