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#AdivasiAwaaz is a project by Adivasi Lives Matter (ALM) and Prayog, CG to help the Adivasi (Indigenous) youth of India assert their identities through digital stories to preserve, promote and amplify Adivasi identity.
आदिवासियों के परंपरिक वाद्ययंत्र को संरक्षित करने कि आवश्यकता क्यों है?
आदिवासी समाज जिस तरह से अपनी संस्कृति परंपरा से गहरा संबंध रखता है ठीक उसी तरह अपने पारंपरिक वाद्य यंत्र से भी रखते हैं। वे अपनी...

Narendra Sijui
Oct 14, 20223 min read


21st Century Challenges to Adivasi/Tribal Languages
On the topic of 21st century challenges to Adivasi languages, this article won the first prize at Adivasi Awaaz Summit.

Alisha Horo
Sep 3, 20224 min read


How The Paliyars Of Tamil Nadu Earn Their Living?
They pray so that no harm comes to the trees and the forests that have been protecting them and providing for them since ages.
Murugeshwari
Aug 17, 20223 min read


Why The Paliyar Tribe Still Indulges In Extracting And Collecting Honey?
The Paliyars have historically survived on honey and other forest produce, before being introduced to modern food items.
S.Ramarajan
Aug 12, 20225 min read


आदिवासी सृजन का सनातन संसार
समूचे आदिवासी समाज से उसका सर्वस्व छीनने का जो इतिहास शुरू हुआ, उसने दुनिया के प्रथम समाज को सदा सर्वदा के लिये दूसरे दर्ज़े में धकेल दिया।

Ramesh Sharma
Aug 11, 20225 min read


From Totems To Newsletters, Kinship Is At The Core Of Indigenous Communities
As Indigenous communities navigate modernity and individualism, some tribes are coming up with novel ways to strengthen traditional kinship

Boniface Gaigulung Kamei
Aug 9, 20224 min read


जीवन की समस्याओं से हैं परेशान? जानें इस आदिवासी व्यक्ति से जीने के गुर
वे अपनी तर्कशक्ति से पेड़-पौधों को पहचान लेते हैं। वे अपनी आसपास की झाड़ियों में चले जाते हैं और साल वृक्ष से अपने लिए दातुन भी तोड़ लेते हैं।

Shivram Binjhwar
Aug 1, 20224 min read


अगली बार छत्तीसगढ़ आएं तो चावल से बनी इस आदिवासी नमकीन को खाना न भूलें!
पहले भात से बनने वाली मुरकु ज्यादा बनाते थे लेकिन अब तो उसको बनाने के लिए बर्तन आ गए हैं जिससे मुरकु बहुत अच्छा बनता है।

Ajay Kanwar
Jul 24, 20223 min read


जानिए कैसी होती है इस आदिवासी समुदाय की न्याय व्यवस्था?
अगर कोई मतभेद दो गाँवों के बीच होता है, तो समाज के लोगों द्वारा एक समिति बनाई गई होती है जिसके अंदर चार से पांच गाँव आते हैं।

Tumlesh Neti
Jul 19, 20225 min read


पक्के घरों के बनाने के बाद भी आदिवासी अपने मिट्टी के घरों की महत्वता को भूलें नहीं हैं
जंगलों से मिलने वाली छिंद के झाड़ को काट कर लोग अपने घरों में छत के ऊपर डाल कर रख देते है जिससे घर को ठंडा रखा जा सके।

Ajay Kanwar
Jul 9, 20223 min read


पंडो समुदाय का यह युवा कर रहा है दूसरों को प्रेरित
उन्होंने अपने घर की खराब आर्थिक स्थिति को देखकर खुद से सोचा कि पढ़ाई के साथ-साथ कुछ और काम भी करना चाहिए।

Santoshi Pando
Jul 6, 20222 min read


जानिए चटनियों का राजा इमली के बारे में
इसका मूल्य, दाने के साथ 20-25 रु प्रति किलो होता है और बिना दाने के साथ 50-60 रु प्रति किलो होता है।

Sadharan Binjhwar
Jun 22, 20223 min read


बस्तर का वो कुजिन, विदेशी सैलानी भी हैं जिसके दीवाने।
बढ़ती मांग के चलते बस्तर के हजारों ग्रामीणों के लिए चापड़ा चटनी रोजगार का स्थायी माध्यम बन चुकी है।

Jyoti
Jun 14, 20222 min read


ग्रामीण आदिवासी स्वयं करते हैं अपने घर के छत के लिए खपरा का निर्माण
ग्रामीण आदिवासी घरों का अभिन्न अंग है खपरा, लगभग सभी आदिवासी अपने घरों का छत बनाने के लिए खपरा का इस्तेमाल करते हैं।

Sadharan Binjhwar
Jun 13, 20223 min read


जुड़ और पेज भात खा कर गर्मी तथा लू का सामना करते हैं आदिवासी
मौसमी बदलाव का सामना भी आदिवासी अपने आस-पास मौजूद संसाधनों की सहायता से प्राकृतिक रूप से ही करते आए हैं।
Rakesh Nagdeo
Jun 9, 20223 min read


जानिए शरीर को ठंडक पहुंचाने वाली इन भाजियों के बारे में
गर्मियों में लोग ठंडी-ठंडी चीज़ें खाना ज्यादा पसंद करते हैं, ये दो भाजियां अपनी ठंडकता देने के लिए ही ज्यादा प्रसिद्ध हैं।

Ajay Kanwar
May 30, 20223 min read


My first ever experience at Nikhil Odisha Kharia Sabha
Only awareness and acceptance can pave the way for conserving and reviving our cultures and languages.

Evanjelina Kullu
May 27, 20223 min read


जानिए औषधीय गुणों से भरपूर चमत्कारी आक के पौधे के बारे में
मिर्गी, चर्म रोग, रेबीज़ आदि बीमारियों का इलाज भी इस आक के पौधे से किया जा सकता है। यह पौधा खुले तथा शुष्क क्षेत्र में अपने-आप उगता है।

Ishwar Kanwar
May 22, 20223 min read


गर्मी के दिनों में छत्तीसगढ़ के आदिवासी जल संरक्षण कर आलू उगा रहे हैं।
कोरबा जिले के बिंझरा गाँव में रहने वाले कई आदिवासी गर्मी के दिनों में भी आलू और कुछ दूसरे फसल की भी खेती करते हैं।

Varsha Pulast
May 21, 20223 min read


Jadu Ni Rwchapmung, The Traditional Songs Of Tripura, Are Kept Alive By A 92-Years-Old Veteran
Have you ever felt the pain of a heart-break or grieved the loss of a loved one? Jadu Kolija expresses the many emotions of life
Khumtia Debbarma
May 18, 20223 min read


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