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जानिए छतीसगढ़ के इस प्रसिद्ध कलेवा के बारे में

त्योहारों की शुरुआत हो चुकी है और साथ ही तरह-तरह के पकवान भी बनने लगे हैं। चाहे किसी भी समुदाय के हों इस देश के त्योहारों में पकवान का अलग ही महत्व है। पकवान बनते भी अनेकों प्रकार के हैं, और ये सिर्फ़ स्वादिष्ट ही नहीं होते बल्कि देखने में भी लुभावने होते हैं।


यहाँ बहुत ही प्रसिद्ध एवं पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ के हर त्योहारों में पकवान हर घर में बनते हैं, जो बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं, ग्रामीण अंचलों में कम समय और कम खर्च में बेहतरीन पकवान बनाये जाते हैं। लोग भी इन्हें बड़े चाव से खाते हैं। ज़्यादातर आदिवासी खेती किसानी करते हैं ऐसे में पकवान भी उनके खेतों और फसलों से जुड़ा हुआ ही रहता है।


इस भागती दौड़ती ज़िंदगी में लोग ऐसे-ऐसे भोजन को ग्रहण कर रहे हैं जिससे उनको कभी ना कभी नुकसान होता ही है, और अपने भारतीय पकवान, राजकीय पकवान को भूलते ही चले जा रहे हैं, इस संस्कृति को याद रखने और ना भूल पाने के लिए हमारे छत्तीसगढ़ के नया रायपुर जो हमारे छत्तीसगढ़ की राजधानी है, में एक स्थान पर छत्तीसगढ़ के विशेष पकवानों का संग्रहालय बनाया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के मीठे पकवान और व्यंजन मिलते हैं, इन पकवान को गढ़ कलेवा के नाम से जाना जाता है।


ऐसा ही एक कलेवा है दूध फरा, यह बहुत ही स्वादिष्ट, पौष्टिक और आकर्षक व्यंजन है। यह दिखने में भी सुंदर होता है और स्वाद में मीठा। इस व्यंजन को बनाने के लिए गुड़ या शक्कर चावल आटा इलायची दूध जैसे सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है।

दूध फरा

दूध फरा बनाने के लिए पुराने चावल या नए चावल के आटा का प्रयोग किया जाता है। आटा को शक्कर या गुड़ पानी के घोल में मिलाकर हाथों से गूथ लिया जाता है, चावल आटा में अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक तत्वों में से एक है, और यह कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। आदिवासी क्षेत्रों में दूध फरा बनाने के लिए शक्कर की जगह में गुड़ का अधिकतर प्रयोग करते हैं, गुड़ को आवश्यकतानुसार पानी के साथ कुछ समय के लिए उबाला जाता है, और इसे उस आटा के साथ मिला लिया जाता है, गुड में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में होता है, जो शरीर के लिए आवश्यक होता है। दूध फरा को खुशबूदार और स्वादिष्ट बनाने के लिए इलायची का प्रयोग किया जाता है, ताकि दूध फरा स्वाद में अच्छा लगे और सुगंधित हो। फरा को और अधिक पौष्टिक बनाने के लिए उसमें दूध का प्रयोग किया जाता है। दूध में सभी विटामिन मौजूद होते हैं। दूध का विशेष प्रयोग फारा के रंग को आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है।


दूध फरा छत्तीसगढ़ के लगभग प्रत्येक घर में बनता है। आदिवासियों के सरल रूप से बनने वाले स्वादिष्ट पकवानों की जानकारी बहुत कम लोगों को है, इसे पूरे दुनिया के सामने लाने की ज़रूरत है।


नोट: यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है, जिसमें ‘प्रयोग समाजसेवी संस्था’ और ‘Misereor’ का सहयोग है।



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