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#AdivasiAwaaz is a project by Adivasi Lives Matter (ALM) and Prayog, CG to help the Adivasi (Indigenous) youth of India assert their identities through digital stories to preserve, promote and amplify Adivasi identity.
Why Adivasi Women Are 'Hunted' As 'Witches': Superstition Or Patriarchy?
Three Adivasi women, in the Garhwa district of Jharkhand were stripped and thrashed by a mob of 50 people, who accused them of practicing...

Pushpika Sapna Bara
Mar 24, 20226 min read


जानिए 24 घंटे अपना सेवा देने वाली मितानिनों के बारे में
मितानिनों के होने से यहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में भी भारी कमी आयी है।

Varsha Pulast
Mar 20, 20223 min read


क्या नल जल योजना से ग्रामीणों के पानी की समस्या दूर हो रही है ?
सरकार ने जल जीवन मिशन और हर घर जल योजना का एलान 2020-21 के बजट में किया था। सरकार इस योजना पर 3.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।

Ishwar Kanwar
Mar 5, 20222 min read


किस पौधे के छाल से बनती है रस्सी? जानिए इसका उपयोग
'ऐंठी' नामक पौधे के छाल से छत्तीसगढ़ के आदिवासी रस्सी बनाकर कृषि तथा घरेलू कामों में इसका उपयोग करते हैं।
Rakesh Nagdeo
Mar 1, 20222 min read


Fossil Fuel Is Bad For the Environment: Nonetheless, Do People In Rural Areas Have Any Alternative?
Adivasi Awaaz Creator Sulakshana Jamatia writes about the financial and cultural factors behind the use of firewood

Sulakshana Jamatia
Feb 28, 20223 min read


बदलते मौसम से परेशान हैं ग्रामीण आदिवासी
बेमौसम बारिश होने, बादलों के घिरे रहने और कड़ाके के ठंड से छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का जीवनयापन मुश्किल हो गया है।

Sadharan Binjhwar
Feb 27, 20222 min read


Village Has Broken Roads But Signage Says Road-Building Project Completed!
The act is akin to rubbing salt on the wounds of villagers who have been complaining of bad roads for years

Kulungti Jamatia
Feb 3, 20223 min read


जानिए कैसे यह व्यक्ति, जड़ी-बूटीयों से करता है अनेक बीमारियों का इलाज?
अंजोर सिंह जी को यह ज्ञान अपने पिता और ससुर जी से प्राप्त हुई, लगभग 35 बीमारियों का इलाज कर देते हैं।
Jagmohan Binjhwar
Feb 1, 20223 min read


जानिए आदिवासी गाँव मासुल की अद्भुत कहानी
गोंडी भाषा में मासुल का अर्थ अजगर सर्प होता है, अजगर सर्प यहाँ के नवजात बच्चों को खा जाया करता था।
Tejkaran Jade
Jan 31, 20223 min read


जसिंता केरकेट्टाः विकास के दंश, प्रेम और आशाओं को कविताओं में पिरोती एक कवयित्री
झारखंड की इस युवा कवियत्री ने अपने कविताओं के जरिए आदिवासीयों की संस्कृति और उनकी समस्याओं को बेहतरीन तरीके से सामने लायी हैं।

Feminism in India
Jan 28, 20229 min read


कोरिया फल की औषधि से आदिवासी करते हैं मलेरिया का इलाज
कोरिया के फलों को पेस्ट बनाकर या फिर काढ़ा बनाकर सेवन किया जाता है, इसे बेचकर आमदनी भी प्राप्त की जा सकती है।
Ratna Agariya
Jan 23, 20222 min read


हाथियों से परेशान, फ़िर भी उनका बुरा नहीं सोचते आदिवासी
कोरिया जिले के कई गाँव हाथियों के झुण्ड से त्रस्त हैं। फटाका आदि न फोड़कर शान्ति से हाथियों को भगाया जाता है।

Santoshi Pando
Jan 22, 20223 min read


पन्ना: आदिवासी समुदाय नाच गाने की मंडली बनाकर कर रहे मनोरंजन
महिला और पुरुष सभी मिलकर मंडली में कीर्तन करते हैं, महिलाएं लेती हैं इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा।

Khabar Lahariya
Jan 12, 20221 min read


आदिवासियों के जीवन में आज भी है साल (सरई) के पत्तों से बने दोना-पतरी का महत्व
रोजमर्रा के कामों के साथ-साथ लगभग हर पर्व त्योहार एवं रीति रिवाजों में साल के पत्तों का उपयोग होता है।

Sadharan Binjhwar
Jan 8, 20223 min read


क्या अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ है?
छत्तीसगढ़ में शिक्षा को दुरुस्त करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, यहाँ के आदिवासियों में बढ़ रही है साक्षरता की दर।

Manrakhan Singh Agariya
Jan 7, 20223 min read


Farmers Of Tripura Village Face Water Scarcity As Stream Used For Irrigation Starts To Dry Up
Khumtia Debbarma speaks to an elderly farmer, Satya Debbarma, about how the lack of rains has affected his life
Khumtia Debbarma
Jan 6, 20222 min read


सालों से टूटी हुई है पुलिया, तैर कर नदी पार करते हैं लोग
ग्राम पंचायत नवापारा के सभी ग्रामीणों को बरसात के बाद आने-जाने की असुविधा हो जाती है। प्रशासन से अनुरोध के बाद भी पुल नहीं बना है।

Anchal Kumari
Dec 19, 20212 min read


क्या छत्तीसगढ़ के आदिवासी ग्रामीण क्षेत्र, सड़क निर्माण में आज भी हैं पीछे?
छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ पक्की सड़क का निर्माण आज भी नहीं हो पाया है। खराब सड़कों के कारण, विकास भी नहीं हो पा रहा है।

Tara Sorthey
Dec 1, 20214 min read


टीकमगढ़: कुपोषण से भयावह हो रहे हैं आदिवासी बस्ती के बच्चों के हालात
मध्यप्रदेश में 70 हज़ार से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। नवजात से लेकर 6 वर्ष के आयु के बच्चे हुए हैं प्रभावित।

Khabar Lahariya
Nov 23, 20212 min read


छत्तीसगढ़ के 21 साल बाद क्या है मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की स्थिति ?
छत्तीसगढ़ के अलग होने से पहले आदिवासियों में मातृ और शिशु मृत्यु दर बहुत अधिक थी। अब क्या है स्थिति जानिए इस लेख में।

Tara Sorthey
Nov 18, 20214 min read


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