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#AdivasiAwaaz is a project by Adivasi Lives Matter (ALM) and Prayog, CG to help the Adivasi (Indigenous) youth of India assert their identities through digital stories to preserve, promote and amplify Adivasi identity.
आइए जानें मुनगा पेड़ से मिलने वाले लाभ के बारे में
मुनगा पेड़, दो तरह के होते हैं। पहला, बारहमासी मुनगा और दूसरा, वर्षीय मुनगा।

Jetho Singh Andil
Apr 10, 20232 min read


आइये जानें, गांव की महिलाएं, कैसे खरपतवार तुलसी के पौधे से, अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं
बरसात के पानी में, यह पौधा उगना शुरू करता है और सर्दी में जाकर तैयार होता है। इस तुलसी पौधे की अधिकतम ऊँचाई 6 से 7 फीट तक होती है।

Ravi Kr. Binjhwar
Apr 5, 20233 min read


जानिए आदिवासियों का घरेलू नुस्खा जो करे डेंगू, मलेरिया एवं टाइफाइड का खात्मा
मनोज कुजूर द्वारा संपादित आजकल प्रायः गांव घरों में टाइफाइड, मलेरिया एवं डेंगू जैसी बीमारियां आम हो गई है। इसका प्रमुख कारण मच्छर है।...

Ishwar Kanwar
Apr 3, 20233 min read


आखिर क्यों, बैगा जनजाति के बच्चे पढ़ाई नही कर पाते हैं
बैगा जनजाति के लोग, बड़े शहरो में वहां काम करने जाते हैं, जहाँ उन्हें लंबे समय के लिए काम मिल जाए।

Veer Meravi
Mar 28, 20233 min read


आइये जानें, छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक व्यंजन मुरई और खीरा रोटी के बारे में
मूली की रोटी, बहुत ही चटपटा और स्वादिष्ट लगता है। कुछ आदिवासी, खीरा की भी रोटी बना कर खाते हैं।

Ajay Kanwar
Mar 23, 20232 min read


आदिवासी कैसे करते हैं लाख की खेती और सरकार द्वारा क्या सहयोग मिल रहा है
भारत, दुनिया में लाख का सबसे बड़ा उत्पादक है।वर्तमान में, वन क्षेत्रों के किसानों में, लाख की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

Himanchal Singh
Mar 20, 20234 min read


आइये जानें, महिला समूह के द्वारा बनाये जा रहे, घनजीवामृत खाद के बारे में
हमारे गांव के सभी किसानों को बहुत ही ज्यादा फायदा हुआ है। यहां के किसान अपने फसलों के लिए, सिर्फ जैविक खाद का प्रयोग करते हैं।

Shubham Pendro
Mar 16, 20234 min read


आइए जानें पपीता के बड़ी कैसे बनते हैं
गोंडी भाषा में, कूटे हुए आटे को पीठी बोलते हैं। और उसी, उरदी दाल की बनाई हुई पिट्ठी को, मेवे की करी में मिलाया जाता है।

Parmeshwari Pulast
Mar 13, 20232 min read


From Irulars History to their Present Life(Part 2)
Part 2: A short documentation of how the Irulars have lived their lives through history.

Kavi Priya
Mar 4, 20232 min read


गांव के किसान सेमी की खेती कैसे करते हैं
सेमी की सब्जी के सेवन से गला, पेट-दर्द और सूजन आदि में राहत मिलता है और सर्दियों के मौसम में सेमी का फल निकलना स्टार्ट होता है।

Veer Meravi
Mar 1, 20233 min read


जानिए कुम्हारों का जीवन स्तर कैसे चल रहा है?
अपने पूर्वजों की भाँति स्वस्थ्य जीवन-यापन करना चाहते हैं तो, मिट्टी के बने बर्तनों का उपयोग भोजन बनाने के लिए करें।

Veer Meravi
Feb 27, 20234 min read


आइए जानें आदिवासी कंवर समाज में देह-संस्करण कैसे होता है?
आज हम जानेंगे कि आदिवासी कंवर समाज में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तब कैसे रीति-रिवाज के साथ पूरे प्रक्रिया को संपन्न किया जाता है।

Himanchal Singh
Feb 23, 20234 min read


ठंड में सेमि सब्जी के साथ-साथ इन सब्जियों की मांग भी खूब रहती है, जिसकी आदिवासी करते हैं खेती
इन सब्जियों को पहले के आदिवासी लोग, कुछ अन्य तरीकों से भी सब्जियां बनाते थे। जो अब लगभग बहुत कम लोग ही इस्तेमाल करते हैं।

Ajay Kanwar
Feb 21, 20233 min read


जानिये कैसे भिनसरो बाई अपने हुनर से, पेट के रोगों को पहचान कर, उपचार करती हैं।
बचपन से ही, इन्हें दुसरों की मदद करना पसंद था। इनकी शादी अपने गांव में ही हुई। इनके पति हरिचरण भी अनेकों औषधि के ज्ञाता थे।
Jagmohan Binjhwar
Feb 15, 20233 min read


आइए जानें, बचपन का एक मजेदार खेल, "अत्ती-पत्ती, कौन-सा-पत्ती?"
पंकज बांकिरा द्वारा सम्पादित बचपन में हम अनेक से खेल खेलते थे। और खेलते-खेलते खाना-पीना भूल जाते थे। खेल खेलने में ऐसे मग्न हो जाते थे,...

Sadharan Binjhwar
Feb 8, 20233 min read


क्या है कोसम का महत्व और इसका उपयोग
पंकज बांकिरा द्वारा सम्पादित जंगलों में पाए जाने वाला कोसम पेड़, हमारे लिए कई मायनों में उपयोगी साबित होता है। पूर्व काल में इसका बहुत...

Sadharan Binjhwar
Feb 6, 20233 min read


कैसे मौसम के करवट बदलने से आदिवासियों के कृषि पर पड़ रहा है असर?
कोरबा जिले के सभी इलाकों में अचानक मौसम खराब हो गई, दिन भर की सर्द हवाओं ने लोगों को कंपाकर रख दिया। गिरते तापमान और ठंड बढ़ने की संभावना...
Dinesh Kanwar
Jan 30, 20232 min read


जानिए 'कच्छेर भोंगा' साग को किस प्रकार बनाते हैं छत्तीसगढ़ के आदिवासी
यह पौधा कोचाई पौधे के समान दिखाई देती है लेकिन इस कच्छेर के पौधे में कोई कंद नहीं मिलता है, जैसा कि कोचाई के पौधे में होता है।

Ravi Kr. Binjhwar
Jan 20, 20233 min read


हाथियों के दहशत से आदिवासी ग्रामीण होते हैं हर वर्ष परेशान
अब कहीं पर घने जंगल दिखाई नहीं देते हैं, सभी तरह के जंगलों को इस तरह उजाड़ा गया है कि जंगलों के भी जानवर अब गांव की तरफ बढ़ने लगे हैं

Shubham Pendro
Jan 6, 20233 min read


Bisi chinwi romwi Ajimwngo yakphlokha Gopal Sadhan Jamatia ni Korai
Khorogo thupi thubwi dipor khiring khiring satungno satung hinyawi phung aikheno mwtaino khulumwi nokni nongkhorjago Gopal Sadhan Jamatia.

Gobin Debbarma
Nov 22, 20222 min read


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